बैतूल. 22 नवम्बर, 2024 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.रविकांत उइके ने बताया कि स्वयं चिकित्सा सुविधा जनक लग सकती है, खासकर छोटी-मोटी बीमारियों या सामान्य लक्षणों के लिए, परन्तु यह व्यक्ति और समुदाय दोनों के लिए खतरे पैदा करती है, इससे प्रतिकूल और गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं। जैसे- त्रुटिपूर्ण निदान जिससे उचित निदान और उपचार में विलम्ब हो सकता है। दवाओं की खुराक के ज्ञान के बिना उनका अनुचित उपयोग, औषधि प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकता है जो कभी-कभी जीवन के लिये प्राण घातक हो सकता है। स्व चिकित्सा अस्थाई रूप से लक्षणों को कम कर सकती है, परन्तु अंतरर्निहित बीमारी को छुपा सकती है, जिससे रोग निदान में विलम्ब हो सकता है। एंटीबायोटिक दवाओं का अनुचित उपयोग एंटीबायोटिक प्रतिरोध में योग देती है एवं महत्वपूर्ण दवाओं को जीवाणु संक्रमण के खिलाफ अप्रभावी बनाती है। बिना चिकित्सा पर्यवेक्षण के ओपिओइड और सिडेटिव दवां (केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र की गतिविधि को धीमा करने वाले दवाओं के सेवन से दवाओं की लत और निर्भरता का जोखिम पैदा कर सकती है। मादक द्रव्य सेवन संबंधी विकार और अन्य स्वास्थ्य जटिलताऐं हो सकती हैं।