SDM और अधिवक्ता के समझाइश पर रास्ते का मामला सुलझा
आमला.तहसील में दो पड़ोसी किसानों के मध्य रास्ते को लेकर विवाद था दरअसल ग्राम परसोड़ा के किसान की खानदानी भूमि ग्राम परसोडा में लगभग 100 वर्ष से पहले से स्थित थे वर्ष 1980 में एक अन्य किसान ने खेत खरीद लिया दोनों पक्षों के मध्य दूसरे किसान के खेत से पगडंडी और बैलगाड़ी रास्ता से आने जाने कृषि उपज ले जाने को लेकर विवाद था मौके की स्थिति यह थी कि बाद में भूमि खरीदने वाले किसान ने परंपरागत रास्ता बंद कर दिया था जिससे किसान को खेत से फसल निकालने में परेशानी हो रही थी किसान ने अपने वकील राजेंद्र उपाध्याय के माध्यम से रास्ता विवाद खत्म करने के लिए तहसीलदार आमला के न्यायालय में केस दर्ज करवाया था जब दूसरा पक्ष न्यायालय में उपस्थित हुआ तो वह पक्ष भी परिचित नजदीकी पारिवारिक मित्र ही था दोनों पक्षों को अनु विभागीय अधिकारी शैलेंद्र बडोनिया के समक्ष मध्यस्थता एवं सुलह कार्रवाई के लिए उपस्थित किया गया अनुविभागीय अधिकारी ने समझाया कि यदि आप आपस में बैठकर इस विवाद को सुलझाने में सहयोग करें तो चंद मिनट में यह विवाद समाप्त हो सकता है श्री बड़ोनिया तहसीलदार रिचा कौरव वकील रवि देशमुख सतीश देशमुख राजेंद्र उपाध्याय ने दोनों पक्षों को बैठाकर समझाया और कहा कि आपसी विवाद मध्यस्थता एवं सुलह कार्रवाई के माध्यम से बहुत कम समय में खत्म किया जा सकता है इस पर दोनों पक्ष अपनी अपनी दलील देने लगे वास्तव में दूसरे पक्ष की जमीन में से 8 फुट चौड़ा और लगभग 100 फुट से भी अधिक लंबा रास्ता आमला कजली मार्ग की मेन रोड़ ओर दिया जाना था और वे इस बात के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि उनकी जमीन रास्ते में जा रही थी तहसीलदार रिचा कौरव ने दूसरे पक्ष को समझाया कि इस भूमि का मालिकाना स्वामित्व आपके पास ही रहेगा मै पटवारी को निर्देशित करती हूं कि राजस्व अभिलेख में इस भूमि पर प्रविष्टि आठ फुट रास्ते के रूप में भूमि दर्ज कर दी जाए और इसका मालिकाना हक आपके पास ही रहेगा इस पर किसी प्रकार का कोई निर्माण कार्य या अन्य उपयोग नहीं किया जाएगा केवल कृषि उपज फसल ले जाने और कृषक को खेती करने के लिए इस रास्ते का उपयोग किया जाएगा इस बात पर दोनों पक्ष सहमत हो गए और मिनटों में रास्ते विवाद का हल मध्यस्थता एवं सुलह के माध्यम से निकल गया जिससे दोनों किसान खुश होकर खुशी-खुशी अपने घर लौट गए इस अनुकरणीय पहल को मुंशी प्रेमचंद की पंच परमेश्वर और शीघ्र न्याय की मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।