बाल श्रम, बाल दुर्व्यापार की रोकथाम के लिए पुलिस कंट्रोल रूम में
एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
बैतूल 20 नवम्बर, 2024 प्रदीपन संस्था द्वारा बाल श्रम, बाल दुर्व्यापार, रोकथाम के लिए बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य रूप से विधिक सेवा सचिव मेजहबीन खान, पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया, एडिशनल एसपी कमला जोशी, जिला विधिक सलाहकार सोमनाथ राय, श्रम निरीक्षक दीपिका, आरपीएफ उप निरीक्षक सचिन सोनूले, वन स्टॉप परामर्शदाता शिखा भौरासे, शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग, समाजसेवी मीरा एंथोनी, तूलिका पचोरी, जन साहस संगठन, साइबर सेल प्रभारी, सहित सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारी, सरपंच एवं पेसा मोबिलाइज उपस्थित थे।
संस्थाओं में आपसी समन्वय होना आवश्यक………
कार्यशाला में एसपी निश्चल झारिया ने कहा कि सभी विभाग एवं संस्थाएं अपने स्तर पर अपराधों की रोकथाम के लिए अच्छा कार्य कर रही हैं, लेकिन आपस में समन्वय में होना बहुत जरूरी है। सभी के सहयोग से ही अपराधों में कमी ला सकते है।एडिशनल एसपी कमला जोशी ने बताया कि दुर्व्यापार की घटनाओं को रोकने के लिए हमें अपने स्तर पर पलायन करने जा रहे लोगों की जानकारी होना चाहिए और कोशिश करें कि उन्हें अपने क्षेत्र में ही काम मिल सके। बाल श्रम एवं बाल दुर्व्यापार पर रोकने के संबंध में विधिक सेवा सचिव मेहजबीन खान ने बताया कि बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986 के तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चों से काम कराना कानूनी अपराध है। ऐसे बच्चों को हमें बाल श्रम से मुक्त कर उन्हें शिक्षा की ओर प्रेरित करना चाहिए, ताकि उनका भविष्य बन सके।
बाल श्रम, किशोर श्रम, रेस्क्यू एवं पुनर्वास पर दी जानकारी……….
विधिक सलाहकार सोमनाथ राय ने बताया कि मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत पीड़ित व्यक्ति के लिए सहायता राशि का प्रावधान है तथा विधिक सेवा के माध्यम से निशुल्क परामर्श एवं लोक अदालत जैसी सेवाओं के बारे में जानकारी दी गई। श्रम निरीक्षक दीपिका द्वारा बाल श्रम एवं किशोर श्रम, रेस्क्यू एवं पुनर्वास पर जानकारी दी गई। वन स्टॉप परामर्शदाता शिखा भौरासे ने कहा कि पीड़ित महिला एवं बालिकाओं के लिये वन स्टाप सेन्टर में आश्रय के साथ-साथ कानूनी सहायता, परामर्श एवं स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराता है। समाजसेवी मीरा एंथोनी द्वारा बताया कि हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हमारे आस-पास लोगों को अवेयर करें कि अपने बच्चों को किसी के साथ बाहर काम करने न भेजें, क्योंकि यदि बच्चा बाहर जाता है तो उसके साथ में किसी न किसी प्रकार का शोषण होने की संभावना होती है। चारू वर्मा द्वारा मानव दूर व्यापार किस प्रकार से होता है एवं उनके स्रोत कहां से शुरू होती है और कौन लोग इस प्रकार के अपराधों को अंजाम देते हैं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
पलायन करने वालों का पंचायत में करें रजिस्ट्रेशन……………
पंचायत सरपंचों से कहा कि पलायन करने वालों का पंचायत में रजिस्ट्रेशन करें, ताकि पलायन की स्थिति में उनके साथ किसी प्रकार का शोषण हो तो उन्हें सहायता प्रदान की जा सकती है। बाल श्रम एवं बाल दुर्व्यापार पर को रोकने हेतु सभी लोगों ने अपने सुझाव देकर एक रणनीति तैयार की गई, ताकि जिले में इस प्रकार के अपराधों में कमी ला सके। संस्था काउंसलर दीपमाला खातरकर द्वारा अंत में बाल श्रम के खिलाफ शपथ दिलवाई गई एवं उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया गया। जिला समन्वयक सुनील कुमार के मार्गदर्शन में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में सहयोगी भूमिका के रूप में रविशंकर चवारे, अलका नागले, राकेश मन्नासे, विशाल आर्य, पूनम अतुलकर, ज्योति, बागवे एवं कमलेश तायवाड़े की भूमिका रही।