साहब वो मेरा बेटा है उसे माफ कर दो सर यह पवित्र न्याय मंदिर है हमारा घर पुनः बसाने के लिए धन्यवाद
आमला. न्यायालय में एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला जब एक मां ने अपने बेटे को जेल जाने से बचा लिया और बेटे के द्वारा गलती कि माफी मांगने पर और पैर छूते ही मां ने उसे माफ कर दिया और बेटे को गले लगा लिया मां बेटे लोक अदालत में न्यायाधीशों की समझाइश के बाद खुशी-खुशी एक साथ अपने घर रवाना हो गए वर्ष 2022 में मां ने बहू और बेटे के खिलाफ घर में उसे प्रताड़ित करने और घर में रहने नहीं देने और परेशान करने के लिए वकील राजेंद्र उपाध्याय के माध्यम से घरेलू हिंसा का केस दर्ज करवाया था न्यायालय ने बेटे को मां को घर में अच्छे से रखने एवं ₹2000 प्रतिमाह भरण पोषण धन राशि देने के आदेश जून 2023 में दिए थे लगभग 80 हजार रुपए मां को बेटे से लेने थे बेटे द्वारा पैसे नहीं देने पर न्यायालय ने बेटे के विरुद्ध वसूली वारंट जारी किया था पेशी पर न्यायाधीश तपेश कुमार दुबे राकेश सनोडीया राहुल निरंकारी के द्वारा सुलह समझौते की समझाइश देने पर मां बेटे राजीनामा के लिए तैयार हो गए थे और लोक अदालत में आज राजीनामा कर खुशी खुशी घर रवाना हो गए एक अन्य मामले में पति-पत्नी के मध्य तलाक एवं साथ में रहने की दो अलग-अलग मामले न्यायालय में चल रहे थे दोनों पति-पत्नी किसी भी कीमत पर साथ रहने को तैयार नहीं थे लगातार समझाइश देने के बाद दोनों पति-पत्नी न्यायालय परिसर में स्नेह का पौधारोपण कर न्यायाधीश को यह कहकर धन्यवाद देते हुए खुशी-खुशी अपने घर चले गए कि सर यह एक पवित्र न्याय मंदिर है हमारा घर पुनः बसाने के लिए धन्यवाद एक अन्य मामले में 25 वर्षों से पति-पत्नी के मध्य विवाद था केस लड़ते-लड़ते दोनों परेशान हो चुके थे पति रेलवे में नौकरी करता था लकवा ग्रस्त हो गया था सेवानिवृत होने के बाद मिलने वाली धनराशि पेंशन को लेकर विवाद था पत्नी बच्चे और 5 केस कोई भी पक्ष मानने को तैयार नहीं था वकील राजेंद्र उपाध्याय हिरामन सूर्यवंशी रवि देशमुख कल्पेश माथनकर अनिल पाठक सुरेंद्र बारंगे हिरामन नागपुरे शिवम उपाध्याय शबाना खान संजय शुक्ला सभी ने मिलकर कई मध्यस्थ कार्रवाई के दौरान दोनों पक्षों को समझाया सेवानिवृत्ति राशि तीन हिस्सों में पेंशन का बंटवारा भी सभी की सहमति से तीन हिस्सों में कर दिया गयाअंततः लोक अदालत का उद्देश्य सफल हुआ पांच मामले क चंद मिनट में निपट गए और सभी लोक अदालत में मामला निपटा कर खुशी-खुशी अपने घर रवाना हो गए आज लगभग ढाई सौ मामले लोक अदालत में रखे गए थे जिसमें से 125 से अधिक मामलों का निराकरण हुआ आमला न्यायालय के अभी तक के लोक अदालत के निराकृत मामले में यह सबसे बड़ा आंकड़ा है बैंक नगरपालिका और अन्य मामले भी निराकृत हुए।